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नीमच। शहर की स्कीम नंबर 1 स्थित सेंट्रल बैंक के समीप शनिवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक रहवासी क्षेत्र में लगभग 8 फीट लंबा अजगरनुमा सांप दिखाई दिया। यह दृश्य डोसी परिवार की गृहणी श्रीमती सुनीता डोसी ने देखा और तत्काल परिवार के अन्य सदस्यों को सूचित किया।घटना की गंभीरता को देखते हुए योग प्रशिक्षक व प्राकृतिक चिकित्सक संदीप वर्मा मौके पर पहुंचे और तुरंत सर्प पकड़ने के विशेषज्ञ सेवाभावी जनसेवक रजाक चाचा को सूचना दी। इसके बाद डोसी परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें बघाना से दोपहिया वाहन द्वारा घटनास्थल पर लाया गया। रजाक चाचा, जिन्होंने छठी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है और 60 वर्षों से सर्पों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ने का सेवा कार्य कर रहे हैं, ने अत्यंत कुशलता से वाइपर की सहायता से सांप को खाद के कट्टे में सुरक्षित बंद किया। रस्सी से बांधकर सांप को सुरक्षित किया गया, जिससे क्षेत्रवासियों को राहत मिली। सांपों के बारे में रजाक चाचा का ज्ञान व सेवा भावना प्रेरणादायक रजाक चाचा ने बताया कि सांप की आंखें होती हैं लेकिन पलक नहीं होती, इसलिए उसकी आंखें हमेशा खुली रहती हैं। सांप बहरा होता है लेकिन वह कंपन के माध्यम से आसपास की गतिविधियों को पहचानता है। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में सांप भोजन की तलाश में बस्ती की ओर आते हैं, इसलिए उन्हें मारने के बजाय सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ना चाहिए।उन्होंने यह भी बताया कि वे 10 वर्ष की आयु में राजस्थान के दोसा नगर निवासी बब्बू मियां से गुरु दीक्षा लेकर इस सेवा कार्य से जुड़ गए थे। अब तक हजारों सर्पों को उन्होंने जंगल में छोड़ा है, और इस सेवा के लिए जो भी उपहार राशि प्राप्त होती है, वह दान व सामाजिक कार्यों में उपयोग की जाती है।रजाक चाचा का यह भी कहना है कि उन्होंने जीवन भर शाकाहार का पालन किया है और सोमवार को अखंड उपवास रखते हैं। सांप पकड़ने से पहले वे भगवान शंकर और अपने गुरु का ध्यान करते हैं।उनकी यह निःस्वार्थ सेवा भावना और प्रकृति व जीवों के प्रति प्रेम, समाज के लिए एक मिसाल है। नीमच शहर ऐसे सेवाभावी नागरिकोंपर गर्व करता है।
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नीमच। शहर की स्कीम नंबर 1 स्थित सेंट्रल बैंक के समीप शनिवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक रहवासी क्षेत्र में लगभग 8 फीट लंबा अजगरनुमा सांप दिखाई दिया। यह दृश्य डोसी परिवार की गृहणी श्रीमती सुनीता डोसी ने देखा और तत्काल परिवार के अन्य सदस्यों को सूचित किया।घटना की गंभीरता को देखते हुए योग प्रशिक्षक व प्राकृतिक चिकित्सक संदीप वर्मा मौके पर पहुंचे और तुरंत सर्प पकड़ने के विशेषज्ञ सेवाभावी जनसेवक रजाक चाचा को सूचना दी। इसके बाद डोसी परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें बघाना से दोपहिया वाहन द्वारा घटनास्थल पर लाया गया।
रजाक चाचा, जिन्होंने छठी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है और 60 वर्षों से सर्पों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ने का सेवा कार्य कर रहे हैं, ने अत्यंत कुशलता से वाइपर की सहायता से सांप को खाद के कट्टे में सुरक्षित बंद किया। रस्सी से बांधकर सांप को सुरक्षित किया गया, जिससे क्षेत्रवासियों को राहत मिली।
सांपों के बारे में रजाक चाचा का ज्ञान व सेवा भावना प्रेरणादायक
रजाक चाचा ने बताया कि सांप की आंखें होती हैं लेकिन पलक नहीं होती, इसलिए उसकी आंखें हमेशा खुली रहती हैं। सांप बहरा होता है लेकिन वह कंपन के माध्यम से आसपास की गतिविधियों को पहचानता है। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में सांप भोजन की तलाश में बस्ती की ओर आते हैं, इसलिए उन्हें मारने के बजाय सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ना चाहिए।उन्होंने यह भी बताया कि वे 10 वर्ष की आयु में राजस्थान के दोसा नगर निवासी बब्बू मियां से गुरु दीक्षा लेकर इस सेवा कार्य से जुड़ गए थे। अब तक हजारों सर्पों को उन्होंने जंगल में छोड़ा है, और इस सेवा के लिए जो भी उपहार राशि प्राप्त होती है, वह दान व सामाजिक कार्यों में उपयोग की जाती है।रजाक चाचा का यह भी कहना है कि उन्होंने जीवन भर शाकाहार का पालन किया है और सोमवार को अखंड उपवास रखते हैं। सांप पकड़ने से पहले वे भगवान शंकर और अपने गुरु का ध्यान करते हैं।उनकी यह निःस्वार्थ सेवा भावना और प्रकृति व जीवों के प्रति प्रेम, समाज के लिए एक मिसाल है। नीमच शहर ऐसे सेवाभावी नागरिकोंपर गर्व करता है।
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NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |