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मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ एवं मंदिर न्यास द्वारा आयोजित 20 वें विंशतितम कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस ज्येष्ठ शुक्ला पूर्णिमा बुधवार को कल्याण नगरी में निकाली गई भव्य एवं विशाल शोभायात्रा व कलशोत्सव में श्रद्धा का ऐसा सैलाब उमड़ा कि देश-प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों कल्याण भक्त अपनी प्रकार के इस अनूठे आयोजन को अनुकरणीय व अप्रतीम निरूपित करने लगे। दशहरा मैदान स्थित ढ़ाबेश्वर महादेव मंदिर परिसर से सतरंगी फूलों से सजे धजे रथ पर ठाकुर जी के विराजमान होने के साथ ही कल्याण नगरी के राजाधिराज का नगर भ्रमण प्रारंभ हुआ। साथ ही शोभायात्रा में धार्मिक और राष्ट्रीय झाकियों ने सबका मनमोह लिया।
शोभायात्रा में अश्वारोही बटुक, वीर वीरांगनाओं के साथ ही लगभग एक हजार एक सौ कलश लिए माता-बहनों के साथ ही प्रभात फेरियों की भजनानंदी स्वर लहरियों से समूचा नगर गुंज उठा। वहीं 21 मालवी ढोल की थाप से पूरा नगर गुंजने लगा। इस बीच प्रभाफेरियों एवं बैंड की मधुर धुन से निकली स्वर लहरियों से समूचे नगर का माहौल भक्ति रस से सराबोर होकर शोभायात्रा में नए आयाम स्थापित करते हुए कल्याण नगरी को राममयी एवं कल्याणमयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। पूरे मार्ग में ठाकुर जी के जयकारे के साथ श्रीराम का उद्घोष गुंजायमान रहा। शोभायात्रा में लगभग 51 अश्वों में से 11 अश्व अपनी नृत्य प्रतिभा से दर्शकों को रोमांचित कर रहे थे। वहीं सजे धजे ऊंट व ऊंट गाड़ियां भी थे। ब्रम्होस मिसाइल के साथ 25 भारतीय सेना के जवानो की टुकड़ी, शोभायात्रा का विशेष आकर्षण का केंद्र रही। वहीं शोभायात्रा में ऑपरेशन सिंदूर की झांकी ने राष्ट्र भक्ति का ऐसा जज्बा प्रकट किया मानो हर दर्शक युवाओं के जोश को देख कर रोमांचित हो रहा हो। सजी धजी बग्गी में श्री राम कथा वाचक परम् पूज्य दीदी माँ मंदाकिनी श्री रामकिंकर जी रामायणम धाम आश्रम, अयोध्या से भी शामिल हुई।
सजी झांकियों ने मन मोहा
मुंबई के प्रसिद्ध एएस ढोल, पुनेरी पाठक के कलाकारों का बैंड, मिशन सिंदूर, ब्रम्होस मिसाइल 25 भारतीय सेना के जवानो की टुकड़ी, राम दरबार, शिव बारात, ओम्कारेश्वर शिवलिंग अभिषेक, छावा, भगवान परशुराम, भारत माता सहित कई सजीव झांकियां, हाथी, घोड़े, ऊंट, ऊंट गाड़िया, रतलाम के प्रसिद्ध 30 सदस्यों द्वारा रोप मलखम, रतलाम का अखाडा, निंबाहेड़ा बीवीएस ग्रुप के उस्ताद दिनेश माली की टीम का अखाडा प्रदर्शन, वीर एवं वीरांगना द्वारा मार्ग में जगह जगह शस्त्र प्रदर्शन, 11 स्थानीय बैंड, 21 मालवीय ढोल, भस्म रमैया की तर्ज पर स्थानीय ढोल, केसरियां बाना पहने बटुक, वीर-वीरांगनाएं, 51 अश्व, 31 ऊंट, 11 ऊंट गाड़िया, 1100 कलश धारण किए माता-बहनों के साथ ही 250 गांवों की प्रभात फेरियों के समागम सहित कई आकर्षण के केन्द्र रहे। वीर-वीरांगनाओं द्वारा प्रस्तुत अखाड़ा प्रदर्शन ने भी दर्शकों को चकित कर दिया। शोभायात्रा के पूरे मार्ग में भीषण गर्मी को देखते हुए रंगीन कारपेट बिछाई गई थी, ताकि बिना पादूका चलने वाले श्रद्धालुओं को आसानी रहे। नगरपरिषद परिवार, छप्पनिया भैरव सेवा समिति, खाद्य एवं किराणा व्यापार संघ, अभाविप, बंशीलाल राईवाल, पारस आंजना, आशीष अग्रवाल, जसवंत आंजना, राजेश सांड, रोमी पोरवाल, दिग्वेन्द्र प्रताप सिंह सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक, औद्योगिक, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं जनमानस ने स्वागत अभिनन्दन कर अपने आराध्य के दर्शन से स्वयं को धन्य किया। वहीं मार्ग के मंदिरों की ओर से पूजारियों द्वारा ठाकुर जी के रथ की अगवानी करते हुए पूजा अर्चना कर सर्वत्र अच्छी वर्षा एवं खुशहाली की कामना की। श्रद्धालु ठाकुर जी के रथ को खिंचते हुए जयकारे लगाकर कल्याण नगरी को कल्याणमयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। मार्ग में तौप से पुष्प वर्षा के साथ अखाड़ा प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे। लगभग पांच घण्टे चली शोभायात्रा का नगरवासियों जगह जगह पुष्प वर्षा कर भीषण गर्मी के दौर में जलपान कराते हुए कल्याण भक्तों का आत्मीय स्वागत अभिनन्दन कर जन जन के आराध्य ठाकुर जी के प्रति अपनी अघाध श्रद्धा प्रकट की। शोभायात्रा में ठाकुर श्री कल्लाजी को अपना आराध्य मानने वाले रायका व रेबारी समाज के हजारों लोगों की उपस्थिति के साथ ही मेवाड़, मालवा, वागड़, गुजरात, मारवाड़, हाडौती सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शोभायात्रा को द्विगुणित करते हुए ये साबित कर दिया कि कल्याण नगरी में कल्याण महाकुंभ के बहाने भव्य आनंदोत्सव नया इतिहास रचता जा रहा हैं। ऐसा आयोजन संभवत: समूचे मेवाड़ में कल्याण नगरी में ही देखने को मिलता हैं। शोभायात्रा के कल्याण चौक पहुंचने पर सैकड़ों लोगों ने नव स्थापित जयमल कल्लाजी की प्रतिमा का दर्शन करते हुए जयघोष कर वातावरण को भक्ति और शक्ति से गुंजायमान कर दिया।
पुष्प वर्षा से महक उठी कल्याण नगरी शोभायात्रा के दौरान जगह जगह तौप से पुष्प वर्षा के साथ ही नगरवासियों ने सतरंगी फूलों की वर्षा कर वातावरण को सुगंधित कर दिया। लगातार पुष्प वर्षा से समूची कल्याण नगरी महक उठी। लगभग दो किलोमीटर की शोभायात्रा के दौरान नगरवासी भी सड़क के दोनों ओर टकटकी लगाए अपने आराध्य के दर्शन व शोभायात्रा में उमड़े जन सैलाब को देखने आतुर दिखाई दिए।
राजाधिराज के रूप में ठाकुर जी के दर्शन के साथ सजी मनोहारी झांकी कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस बुधवार को वेदपीठ पर विराजिट ठाकुर श्री कल्लाजी की मनोहारी छवि कल्याण नगरी के राजाधिराज के रूप में भक्तों को दर्शन देकर धन्य कर रही थी, वहीं सतरंगी सजी फूलों से सजी झांकी के बीच ठाकुर जी को छप्पनभोग के रूप में न्यौछावर किए गए सवा सौ प्रकार के मिष्ठान की झांकी ने हजारों दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
मुंबई के ढोल ताशा ने गुंजाया नगर कोमहाकुंभ की शोभायात्रा में मुम्बई ढोल ताशा पथक संस्थान के युवक-युवतियों द्वारा अपने ही अंदाज में ढोल ताशों का प्रदर्शन करते हुए लोगों को अचंभित किया, वहीं विशाल आकार के ढोल की गूंज ने समूची कल्याण नगरी को गुंजायमान कर दिया।
प्रभात फेरियों का हुआ समागम शोभायात्रा के दौरान उदयपुर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों एवं गांवों से लगभग 250 प्रभात फेरियों के समागम ने समूचे वातावरण को भक्तिमय बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। कुछ प्रभात फेरियों द्वारा आकर्षक झांकियों के साथ भजनों की स्वर लहरियां भी समूचे वातावरण को आनन्दित कर रही थी। इन प्रभात फेरियों में नाराणी गांव के प्रथम, फाचर की द्वितीय तथा नया गांव की प्रभात फेरी तृतीय स्थान पर रही, जिन्हें व्यासपीठ पर विराजित स्वामी सुदर्शनाचार्य जी द्वारा पुरस्कृत किया गया। वहीं आंगतुक सभी प्रभात फेरियों को वेदपीठ की ओर से सम्मान स्वरूप सामग्री भेंट की गई।
क्षेत्रपाल व महाराणा प्रताप की पूजा
शोभायात्रा के मंडी चौराहा पहुंचने पर वेदपीठ की ओर से पदाधिकारियों द्वारा वैदिक विधान के साथ ही क्षेत्रपाल की पूजा अर्चना कर नौ दिवसीय कल्याण महाकुंभ को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्वक संपन्न कराने की कामना की। वहीं अश्वारोही वीरवर महाराणा प्रताप की पूजा अर्चना कर मेवाड़ को गौरान्वित करने वाले महाराणा के नाम जयकारे लगाकर वातावरण को भक्ति के साथ शक्ति से गुंजायमान कर दिया।
अद्भुत दर्शन कर भाव विभोर हुई दीदी मंदाकिनी
कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस अयोध्या के राम कथा वाचन करने आई दीदी मंदाकिनी राम किंकर जी ने वेदपीठ पर विराजित कल्याण नगरी के राजाधिराज के स्वरूप में ठाकुर जी के जब दर्शन किए तो वे अपलक छवि को निहारते हुए बोली कि ऐसी अद्भुत छवि भाग्य से ही देखने को मिलती हैं। उनके व्यासपीठ पहुंचने पर वेदपीठ की ओर से पदाधिकारियों एवं न्यासियों ने व्यासपीठ पूजन के साथ तुलसी माला, पुष्प माला एवं ऊपरणा से उनका स्वागत किया। वहीं कथा व्यास दीदी मंदाकिनी ने मंच पर स्थापित मुख्य आचार्य के रूप में ठाकुर श्री कल्लाजी एवं अपने आध्यात्मिक गुरू पंडित राम किंकर जी की पूजा अर्चना कर भक्तिरस की स्वर लहरियों के बीच राम कथा का शुभारंभ किया। महाकुंभ के दौरान जहां कथा मंडप को श्रीराम धाम तीर्थ, यज्ञशाला को श्रीराम यज्ञशाला एवं समूचे परिसर को सिद्धाश्रम तीर्थ रूप में निरूपित किया गया। आठ दिन भजन संध्या व कवि सम्मेलन कल्याण महाकुंभ के नौ दिवसीय आयोजन के दौरान आठ दिन भजन संध्याओं का मनभावन कार्यक्रम के साथ ही एक दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ऑपरेशन सिंदूर के नाम होगा। इसी कड़ी में गुरूवार रात्रि को कथा मंडप में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। |
मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ एवं मंदिर न्यास द्वारा आयोजित 20 वें विंशतितम कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस ज्येष्ठ शुक्ला पूर्णिमा बुधवार को कल्याण नगरी में निकाली गई भव्य एवं विशाल शोभायात्रा व कलशोत्सव में श्रद्धा का ऐसा सैलाब उमड़ा कि देश-प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों कल्याण भक्त अपनी प्रकार के इस अनूठे आयोजन को अनुकरणीय व अप्रतीम निरूपित करने लगे। दशहरा मैदान स्थित ढ़ाबेश्वर महादेव मंदिर परिसर से सतरंगी फूलों से सजे धजे रथ पर ठाकुर जी के विराजमान होने के साथ ही कल्याण नगरी के राजाधिराज का नगर भ्रमण प्रारंभ हुआ। साथ ही शोभायात्रा में धार्मिक और राष्ट्रीय झाकियों ने सबका मनमोह लिया।
शोभायात्रा में अश्वारोही बटुक, वीर वीरांगनाओं के साथ ही लगभग एक हजार एक सौ कलश लिए माता-बहनों के साथ ही प्रभात फेरियों की भजनानंदी स्वर लहरियों से समूचा नगर गुंज उठा। वहीं 21 मालवी ढोल की थाप से पूरा नगर गुंजने लगा। इस बीच प्रभाफेरियों एवं बैंड की मधुर धुन से निकली स्वर लहरियों से समूचे नगर का माहौल भक्ति रस से सराबोर होकर शोभायात्रा में नए आयाम स्थापित करते हुए कल्याण नगरी को राममयी एवं कल्याणमयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। पूरे मार्ग में ठाकुर जी के जयकारे के साथ श्रीराम का उद्घोष गुंजायमान रहा। शोभायात्रा में लगभग 51 अश्वों में से 11 अश्व अपनी नृत्य प्रतिभा से दर्शकों को रोमांचित कर रहे थे। वहीं सजे धजे ऊंट व ऊंट गाड़ियां भी थे। ब्रम्होस मिसाइल के साथ 25 भारतीय सेना के जवानो की टुकड़ी, शोभायात्रा का विशेष आकर्षण का केंद्र रही। वहीं शोभायात्रा में ऑपरेशन सिंदूर की झांकी ने राष्ट्र भक्ति का ऐसा जज्बा प्रकट किया मानो हर दर्शक युवाओं के जोश को देख कर रोमांचित हो रहा हो। सजी धजी बग्गी में श्री राम कथा वाचक परम् पूज्य दीदी माँ मंदाकिनी श्री रामकिंकर जी रामायणम धाम आश्रम, अयोध्या से भी शामिल हुई।
सजी झांकियों ने मन मोहा
मुंबई के प्रसिद्ध एएस ढोल, पुनेरी पाठक के कलाकारों का बैंड, मिशन सिंदूर, ब्रम्होस मिसाइल 25 भारतीय सेना के जवानो की टुकड़ी, राम दरबार, शिव बारात, ओम्कारेश्वर शिवलिंग अभिषेक, छावा, भगवान परशुराम, भारत माता सहित कई सजीव झांकियां, हाथी, घोड़े, ऊंट, ऊंट गाड़िया, रतलाम के प्रसिद्ध 30 सदस्यों द्वारा रोप मलखम, रतलाम का अखाडा, निंबाहेड़ा बीवीएस ग्रुप के उस्ताद दिनेश माली की टीम का अखाडा प्रदर्शन, वीर एवं वीरांगना द्वारा मार्ग में जगह जगह शस्त्र प्रदर्शन, 11 स्थानीय बैंड, 21 मालवीय ढोल, भस्म रमैया की तर्ज पर स्थानीय ढोल, केसरियां बाना पहने बटुक, वीर-वीरांगनाएं, 51 अश्व, 31 ऊंट, 11 ऊंट गाड़िया, 1100 कलश धारण किए माता-बहनों के साथ ही 250 गांवों की प्रभात फेरियों के समागम सहित कई आकर्षण के केन्द्र रहे। वीर-वीरांगनाओं द्वारा प्रस्तुत अखाड़ा प्रदर्शन ने भी दर्शकों को चकित कर दिया। शोभायात्रा के पूरे मार्ग में भीषण गर्मी को देखते हुए रंगीन कारपेट बिछाई गई थी, ताकि बिना पादूका चलने वाले श्रद्धालुओं को आसानी रहे।
नगरपरिषद परिवार, छप्पनिया भैरव सेवा समिति, खाद्य एवं किराणा व्यापार संघ, अभाविप, बंशीलाल राईवाल, पारस आंजना, आशीष अग्रवाल, जसवंत आंजना, राजेश सांड, रोमी पोरवाल, दिग्वेन्द्र प्रताप सिंह सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक, औद्योगिक, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं जनमानस ने स्वागत अभिनन्दन कर अपने आराध्य के दर्शन से स्वयं को धन्य किया। वहीं मार्ग के मंदिरों की ओर से पूजारियों द्वारा ठाकुर जी के रथ की अगवानी करते हुए पूजा अर्चना कर सर्वत्र अच्छी वर्षा एवं खुशहाली की कामना की। श्रद्धालु ठाकुर जी के रथ को खिंचते हुए जयकारे लगाकर कल्याण नगरी को कल्याणमयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। मार्ग में तौप से पुष्प वर्षा के साथ अखाड़ा प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे। लगभग पांच घण्टे चली शोभायात्रा का नगरवासियों जगह जगह पुष्प वर्षा कर भीषण गर्मी के दौर में जलपान कराते हुए कल्याण भक्तों का आत्मीय स्वागत अभिनन्दन कर जन जन के आराध्य ठाकुर जी के प्रति अपनी अघाध श्रद्धा प्रकट की। शोभायात्रा में ठाकुर श्री कल्लाजी को अपना आराध्य मानने वाले रायका व रेबारी समाज के हजारों लोगों की उपस्थिति के साथ ही मेवाड़, मालवा, वागड़, गुजरात, मारवाड़, हाडौती सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शोभायात्रा को द्विगुणित करते हुए ये साबित कर दिया कि कल्याण नगरी में कल्याण महाकुंभ के बहाने भव्य आनंदोत्सव नया इतिहास रचता जा रहा हैं। ऐसा आयोजन संभवत: समूचे मेवाड़ में कल्याण नगरी में ही देखने को मिलता हैं। शोभायात्रा के कल्याण चौक पहुंचने पर सैकड़ों लोगों ने नव स्थापित जयमल कल्लाजी की प्रतिमा का दर्शन करते हुए जयघोष कर वातावरण को भक्ति और शक्ति से गुंजायमान कर दिया।
पुष्प वर्षा से महक उठी कल्याण नगरी
शोभायात्रा के दौरान जगह जगह तौप से पुष्प वर्षा के साथ ही नगरवासियों ने सतरंगी फूलों की वर्षा कर वातावरण को सुगंधित कर दिया। लगातार पुष्प वर्षा से समूची कल्याण नगरी महक उठी। लगभग दो किलोमीटर की शोभायात्रा के दौरान नगरवासी भी सड़क के दोनों ओर टकटकी लगाए अपने आराध्य के दर्शन व शोभायात्रा में उमड़े जन सैलाब को देखने आतुर दिखाई दिए।
राजाधिराज के रूप में ठाकुर जी के दर्शन के साथ सजी मनोहारी झांकी
कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस बुधवार को वेदपीठ पर विराजिट ठाकुर श्री कल्लाजी की मनोहारी छवि कल्याण नगरी के राजाधिराज के रूप में भक्तों को दर्शन देकर धन्य कर रही थी, वहीं सतरंगी सजी फूलों से सजी झांकी के बीच ठाकुर जी को छप्पनभोग के रूप में न्यौछावर किए गए सवा सौ प्रकार के मिष्ठान की झांकी ने हजारों दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
मुंबई के ढोल ताशा ने गुंजाया नगर कोमहाकुंभ की शोभायात्रा में मुम्बई ढोल ताशा पथक संस्थान के युवक-युवतियों द्वारा अपने ही अंदाज में ढोल ताशों का प्रदर्शन करते हुए लोगों को अचंभित किया, वहीं विशाल आकार के ढोल की गूंज ने समूची कल्याण नगरी को गुंजायमान कर दिया।
प्रभात फेरियों का हुआ समागम
शोभायात्रा के दौरान उदयपुर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों एवं गांवों से लगभग 250 प्रभात फेरियों के समागम ने समूचे वातावरण को भक्तिमय बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। कुछ प्रभात फेरियों द्वारा आकर्षक झांकियों के साथ भजनों की स्वर लहरियां भी समूचे वातावरण को आनन्दित कर रही थी। इन प्रभात फेरियों में नाराणी गांव के प्रथम, फाचर की द्वितीय तथा नया गांव की प्रभात फेरी तृतीय स्थान पर रही, जिन्हें व्यासपीठ पर विराजित स्वामी सुदर्शनाचार्य जी द्वारा पुरस्कृत किया गया। वहीं आंगतुक सभी प्रभात फेरियों को वेदपीठ की ओर से सम्मान स्वरूप सामग्री भेंट की गई।
क्षेत्रपाल व महाराणा प्रताप की पूजा
शोभायात्रा के मंडी चौराहा पहुंचने पर वेदपीठ की ओर से पदाधिकारियों द्वारा वैदिक विधान के साथ ही क्षेत्रपाल की पूजा अर्चना कर नौ दिवसीय कल्याण महाकुंभ को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्वक संपन्न कराने की कामना की। वहीं अश्वारोही वीरवर महाराणा प्रताप की पूजा अर्चना कर मेवाड़ को गौरान्वित करने वाले महाराणा के नाम जयकारे लगाकर वातावरण को भक्ति के साथ शक्ति से गुंजायमान कर दिया।
अद्भुत दर्शन कर भाव विभोर हुई दीदी मंदाकिनी
कल्याण महाकुंभ के प्रथम दिवस अयोध्या के राम कथा वाचन करने आई दीदी मंदाकिनी राम किंकर जी ने वेदपीठ पर विराजित कल्याण नगरी के राजाधिराज के स्वरूप में ठाकुर जी के जब दर्शन किए तो वे अपलक छवि को निहारते हुए बोली कि ऐसी अद्भुत छवि भाग्य से ही देखने को मिलती हैं। उनके व्यासपीठ पहुंचने पर वेदपीठ की ओर से पदाधिकारियों एवं न्यासियों ने व्यासपीठ पूजन के साथ तुलसी माला, पुष्प माला एवं ऊपरणा से उनका स्वागत किया। वहीं कथा व्यास दीदी मंदाकिनी ने मंच पर स्थापित मुख्य आचार्य के रूप में ठाकुर श्री कल्लाजी एवं अपने आध्यात्मिक गुरू पंडित राम किंकर जी की पूजा अर्चना कर भक्तिरस की स्वर लहरियों के बीच राम कथा का शुभारंभ किया। महाकुंभ के दौरान जहां कथा मंडप को श्रीराम धाम तीर्थ, यज्ञशाला को श्रीराम यज्ञशाला एवं समूचे परिसर को सिद्धाश्रम तीर्थ रूप में निरूपित किया गया।
आठ दिन भजन संध्या व कवि सम्मेलन
कल्याण महाकुंभ के नौ दिवसीय आयोजन के दौरान आठ दिन भजन संध्याओं का मनभावन कार्यक्रम के साथ ही एक दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ऑपरेशन सिंदूर के नाम होगा। इसी कड़ी में गुरूवार रात्रि को कथा मंडप में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |