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नीमच ।रातें सर्द हो गई हैं, सर्दी से बचने के लिए लोग घरों में हीटर चलाने लगे हैं, लेकिन जिले का अन्नदाता फसलों की सिंचाई करने के लिए सर्द रातों में ठिठुरने को विवश है। सरकार ने किसानों को प्रतिदिन 10 घंटे थ्री फेज बिजली का वादा किया हुआ है, लेकिन लोड मैनेजमेंट के चलते किसानों को दिन में छह घंटे और रात में 4 घंटे सिंचाई के लिए बिजली दी जा रही है। इस कारण किसान को न दिन में चैन मिल पा रहा है न रात में सुकून की नींद मिल पा रही है। वितरण के समय में ही होता है मेंटेनेंस भी - सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा करती है, लेकिन इस बार किसानों को न समय पर सोसायटियों से खाद मिल पाया है और न ही खेतों में पलेवा करने और फसलों की सिंचाई करने के लिए पर्याप्त बिजली मिल पा रही है। गांवों में बिजली मिल पा रही है। गांवों में तीन ओ में बिजली दी जा रहीकृषि के लिए खेतों में डाली गई लाइनों का विभाग ने ठीक से रखरखाव भी नहीं किया हुआ है। इस कारण आए दिन फॉल्ट होते रहते हैं। यही कारण है कि बिजली वितरण के समय में ही मेंटेनेंस का काम भी चलता है। नतीजतन, दिन में बिजली प्रदाय के दौरान कई बार अघोषित कटौती भी होती है। वहीं रात में बिजली मिलने के किसान परेशान होते हैं। कारण सिंचाई के लिए है पर्याप्त बिजली की जरूरत हरीश कमार पंडया, किसान कमलेश हरीश कुमार पंड्या, कमलेश दधीचि, महेश पाटीदार, ओमप्रकाश सुथार बताया कि विद्युत कंपनी तीन ग्रुपों में बिजली दे रही है। अ और व समूह को 15-15 सुबह 8 से दोपहर 2 अथवा दोपहर 2 से रात 8 बजे तक बिजली दी जाती है। दिन में छह घंटे के बार शेष 4 घंटे की बिजली रात में 3 बजे से दी जाती है।जिस कारण किसान सर्द रातों में ठिठुरने को विवश हैं। उन्होने हा कि कड़ी मेहनत के बावजूद कहा भरपूर उत्पादन के लिए फसलों को पानी और किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली की जरूरत है। किसानों के साथ हो रहा दोयम दर्जे का व्यवहार किसान गोपाल राठौर, रामचंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार किसानों को प्रतिदिन सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली देने का वादा कर रही है, लेकिन यह बिजली सर्द रात में दी जा रही है। तीन में से एक ग्रुप ग्रुप में दिन में बिजली दी जाती है, जबकि दो ग्रुपों में रात में बिजली दी जातीकिसानों के साथ यह भेदभाव एवं दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। उन्होने कहा कि बिजली की कटौती और मैनेजमेंट का काम केवल किसानों के लिए ही होता है। सरकार को सर्दी का मौसम देखते हुए शहरी एवं औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय कटौती कर ग्रामीण क्षेत्र को बिजली देना चाहिए। जबकि उन क्षेत्रों में कोई कटौती नहीं होती है।
लोड मैनेजमेंट है विवशता शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई के लिए बिजली की खपत कई गुना अधिक होती है। इस कारण तार गर्म होकर टूटने लगते हैं। मांग से कई गुना अधिक खपत को देखते हुए सिंचाई के लिए बिजली वाले क्षेत्रों में लोड मैनेजमेंट बड़ी विवशता है। यह बीते कई वर्षों से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों से जितना बेहतर कर सकते हैं, किया जा रहा है। यदि सभी को एक साथ बिजली दी जाएगी तो ट्रांसफार्मर जल जाएंगे। जब सभी ओर सौर ऊर्जा का सिस्टम हो जाएगा, तभी यह समस्या हल हो पाएगी। सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है और विभाग भी प्रयास कर रहा है।ओपी सेन, संभागीय अधीक्षण यंत्री, ओपी सेन, संभागीय अधीक्षण यंत्री, मप्र विद्युत वितरण कंपनी नीमच। |
नीमच ।रातें सर्द हो गई हैं, सर्दी से बचने के लिए लोग घरों में हीटर चलाने लगे हैं, लेकिन जिले का अन्नदाता फसलों की सिंचाई करने के लिए सर्द रातों में ठिठुरने को विवश है। सरकार ने किसानों को प्रतिदिन 10 घंटे थ्री फेज बिजली का वादा किया हुआ है, लेकिन लोड मैनेजमेंट के चलते किसानों को दिन में छह घंटे और रात में 4 घंटे सिंचाई के लिए बिजली दी जा रही है। इस कारण किसान को न दिन में चैन मिल पा रहा है न रात में सुकून की नींद मिल पा रही है।
वितरण के समय में ही होता है मेंटेनेंस भी - सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा करती है, लेकिन इस बार किसानों को न समय पर सोसायटियों से खाद मिल पाया है और न ही खेतों में पलेवा करने और फसलों की सिंचाई करने के लिए पर्याप्त बिजली मिल पा रही है। गांवों में बिजली मिल पा रही है। गांवों में तीन ओ में बिजली दी जा रहीकृषि के लिए खेतों में डाली गई लाइनों का विभाग ने ठीक से रखरखाव भी नहीं किया हुआ है। इस कारण आए दिन फॉल्ट होते रहते हैं। यही कारण है कि बिजली वितरण के समय में ही मेंटेनेंस का काम भी चलता है। नतीजतन, दिन में बिजली प्रदाय के दौरान कई बार अघोषित कटौती भी होती है। वहीं रात में बिजली मिलने के किसान परेशान होते हैं। कारण सिंचाई के लिए है पर्याप्त बिजली की जरूरत हरीश कमार पंडया, किसान कमलेश हरीश कुमार पंड्या, कमलेश दधीचि, महेश पाटीदार, ओमप्रकाश सुथार बताया कि विद्युत कंपनी तीन ग्रुपों में बिजली दे रही है। अ और व समूह को 15-15 सुबह 8 से दोपहर 2 अथवा दोपहर 2 से रात 8 बजे तक बिजली दी जाती है। दिन में छह घंटे के बार शेष 4 घंटे की बिजली रात में 3 बजे से दी जाती है।जिस कारण किसान सर्द रातों में ठिठुरने को विवश हैं। उन्होने हा कि कड़ी मेहनत के बावजूद कहा भरपूर उत्पादन के लिए फसलों को पानी और किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली की जरूरत है।
किसानों के साथ हो रहा दोयम दर्जे का व्यवहार
किसान गोपाल राठौर, रामचंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार किसानों को प्रतिदिन सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली देने का वादा कर रही है, लेकिन यह बिजली सर्द रात में दी जा रही है। तीन में से एक ग्रुप ग्रुप में दिन में बिजली दी जाती है, जबकि दो ग्रुपों में रात में बिजली दी जातीकिसानों के साथ यह भेदभाव एवं दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। उन्होने कहा कि बिजली की कटौती और मैनेजमेंट का काम केवल किसानों के लिए ही होता है। सरकार को सर्दी का मौसम देखते हुए शहरी एवं औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय कटौती कर ग्रामीण क्षेत्र को बिजली देना चाहिए। जबकि उन क्षेत्रों में कोई कटौती नहीं होती है।
लोड मैनेजमेंट है विवशता
शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई के लिए बिजली की खपत कई गुना अधिक होती है। इस कारण तार गर्म होकर टूटने लगते हैं। मांग से कई गुना अधिक खपत को देखते हुए सिंचाई के लिए बिजली वाले क्षेत्रों में लोड मैनेजमेंट बड़ी विवशता है। यह बीते कई वर्षों से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों से जितना बेहतर कर सकते हैं, किया जा रहा है। यदि सभी को एक साथ बिजली दी जाएगी तो ट्रांसफार्मर जल जाएंगे। जब सभी ओर सौर ऊर्जा का सिस्टम हो जाएगा, तभी यह समस्या हल हो पाएगी। सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है और विभाग भी प्रयास कर रहा है।ओपी सेन, संभागीय अधीक्षण यंत्री, ओपी सेन, संभागीय अधीक्षण यंत्री, मप्र विद्युत वितरण कंपनी नीमच।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |