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शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झांतला में वरिष्ट शिक्षिका श्रीमती मंजू धाकड़ वह अतिथि शिक्षक सुमंत शर्मा नेहा राठौर का गरिमामय आयोजन कर विदाई समारोह मनाया गया। साथ ही नई पोस्ट पर जॉइनिंग होने पर श्रीमती मैडम,वर्षा का अभिनंदन किया गया इस अवसर पर प्राचार्य श्री शांतिलाल धाकड़ ने कहा कि हर शासकीय सेवक अपनी सेवा पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपने कर्म को फर्ज व धर्म मानकर निभाएं। क्योंकि कर्म व उधम करने से ही कार्य सिद्ध व इच्छा पूरी होती है। बिना मेहनत के सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती हैं। अतः विदाई लेने वाले दिन दूनी व रात चौगुनी प्रगति करें ऐसी हम कामना करते हैं। |
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झांतला में वरिष्ट शिक्षिका श्रीमती मंजू धाकड़ वह अतिथि शिक्षक सुमंत शर्मा नेहा राठौर का गरिमामय आयोजन कर विदाई समारोह मनाया गया। साथ ही नई पोस्ट पर जॉइनिंग होने पर श्रीमती मैडम,वर्षा का अभिनंदन किया गया इस अवसर पर प्राचार्य श्री शांतिलाल धाकड़ ने कहा कि हर शासकीय सेवक अपनी सेवा पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपने कर्म को फर्ज व धर्म मानकर निभाएं। क्योंकि कर्म व उधम करने से ही कार्य सिद्ध व इच्छा पूरी होती है। बिना मेहनत के सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती हैं। अतः विदाई लेने वाले दिन दूनी व रात चौगुनी प्रगति करें ऐसी हम कामना करते हैं।
इस अवसर पर वरिष्ट शिक्षिका श्रीमती सुमन जोशी ने कहा विदाई में खुशी व दुःख दोनों होते हैं। यह एक शासकीय प्रक्रिया होती है। जिससे हर सेवा करने वाले कर्मचारियों को गुजरना पड़ता है। यदि जीवन में हम मेहनत व लगन से कार्य करें तो निश्चित सफलता प्राप्त की जा सकती है। शिक्षक का पद श्रेष्ठ माना गया है अतः हम इसकी गरिमा को बनाए रखें आपकी इस विद्यालय में निष्कलंक बेदाग सेवा रही है। हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
इस अवसर पर जनपद प्रतिनिधि पत्रकार राजेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि मनुष्य का गहना उसका रूप होता है। रूप का गहना ज्ञान होता है। और ज्ञान का गहना गुण होता है। लेकिन रूप, ज्ञान, गुण, का,भी गहना क्षमा होता है। अतः जीवन में हम समावान व दयावान बने तभी ही हम बुलंदियों को छू सकते हैं। गुरु की महिमा आदि अनादि काल से चली आ रही है। वह जब तक सूरज चांद रहेगा चलती रहेगी। हम पढ़ाई नौकरी पाने के लिए नहीं करें बल्कि जीवन को संवारने व नैतिक आचरण सीखने के लिए पढ़ाई करें। हम किताबी ज्ञान व नौकरी के पीछे ना भागकर खुद ब्रांड बने ताकि जमाना आपको सलाम करें। वह जीवन की सार्थकता को समझ व,जान सके। जो असली हीरा होता है। उसे कहीं पर भी रख दो वह अपनी चमक नहीं छोड़ता है। हीरा कोयले की खान में भी चमकता है। हमसे विदाई ले रहे शिक्षकों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य भवानीराम मेघवाल मनोहर लाल वर्मा श्रीमती मैडम वर्षा,
श्रीमती प्रिया भारद्वाज श्री लाल धाकड़ श्री नेहा राठौर श्री सुमंत शर्मा आदि ने भी अपने अनमोल विचार रखें।
विदाई ले रही वरिष्ट शिक्षिका श्रीमती मंजू धाकड़ ने अपने सद्भावना उद्बोधन ने कहा कि इस विद्यालय से जो प्रेम स्नेह व आशीर्वाद मुझे मिला है। उसे में ताउम्र नहीं भूल पाऊंगी। मेरे व्यवहार आचरण व शब्दों से यदि किसी को ठेस व चोट पहुंची हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। इस संस्था को छोड़कर मन विचलित व दुखी है। सभी विद्यार्थी उन्नति व प्रगृति करके शिखर पर पहुंचे ऐसी में कामना करती हूं। विद्यालय परिवार द्वारा श्रीमति मंजू धाकड़ का शाल श्रीफल व गिफ्ट ड्रेस भेंट की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन अतिथि,शिक्षक श्री पंकज शर्मा द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में शिक्षक सुंदरलाल धाकड़, कैलाश लक्षकार ,आसाराम धाकड़,कीर्ति,लक्षकार दिनेश शर्मा, श्रीमती राधा धाकड़ मैडम सृष्टि अनिल बैरागी विनोद सेहरिया आदि उपस्थित थे। अंत में सभी का सब हो आयोजित किया गया। सिंगोली से ख्वाजा हुसैन मेवाती की रिपोर्ट
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293 | 234 | 16 |
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265-305 | 200 -240 | 15-30 |