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नीमच, निप्र। मई में सूरज का गुस्सा ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार की सुबह से ही तीखी धूप निकली। इस कारण दिन में धरती धधक रही थी। सूरज तमतमाया तो लोग गर्मी से बेहाल हो गए। दिन में सड़कें अब सुनी नजर आने लगी है। लोग गर्मी से राहत पाने के लिए कूलर व एसी का सहारा ले रहे हैं। अप्रैल के आखरी सप्ताह में आसमान पर कभी बादलों का डेरा तो कभी तेज धूप के साथ बूंदाबांदी हुई। जिससे मौसम सामान्य रहा, लेकिन अब गर्मी सताने को आमादा हो रही है। मई की शुरुआत में ही सूरज का गुस्सा बढ़ने लगा है। शुक्रवार को तेज गर्मी का अहसास हुआ। सुबह से ही चिलचिलाती धूप निकलने से दोपहर में सूरज तमतमाने लगा, जिससे लोग गर्मी में बेहाल हुए। भीषण गर्मी के चलते लोग जब दोपहर में घरों से बाहर निकले तो उन्हें चेहरे पर नकाब बांधकर या फिर गर्मी से बचाव के उपाय करते देखा गया। वहीं कुछ लोग शीतल पेय पदार्थों की दुकानों पर अपना कंठ तर करते रहे। शहर में कई स्थानों पर लोग घरों से बाहर निकलने पर पेड़ों की छांव तलाशते नजर आए। गर्मी से लोगों के हलक सूख रहे थे। ऐसे में कोई दुकानों से चिल्ड वॉटर की डिमांड कर रहा था तो कोई मटके के पानी की मांग कर रहा था। जानकारों की मानें तो मई और जून में तेज गर्मी रहती है। इस दौरान लू की लपटें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए इन दिनों में भरपूर पानी पीना चाहिए और दोपहर के समय तीखी धूप से बचने का प्रयास करना चाहिए।
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नीमच, निप्र। मई में सूरज का गुस्सा ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार की सुबह से ही तीखी धूप निकली। इस कारण दिन में धरती धधक रही थी। सूरज तमतमाया तो लोग गर्मी से बेहाल हो गए। दिन में सड़कें अब सुनी नजर आने लगी है। लोग गर्मी से राहत पाने के लिए कूलर व एसी का सहारा ले रहे हैं।
अप्रैल के आखरी सप्ताह में आसमान पर कभी बादलों का डेरा तो कभी तेज धूप के साथ बूंदाबांदी हुई। जिससे मौसम सामान्य रहा, लेकिन अब गर्मी सताने को आमादा हो रही है। मई की शुरुआत में ही सूरज का गुस्सा बढ़ने लगा है। शुक्रवार को तेज गर्मी का अहसास हुआ। सुबह से ही चिलचिलाती धूप निकलने से दोपहर में सूरज तमतमाने लगा, जिससे लोग गर्मी में बेहाल हुए। भीषण गर्मी के चलते लोग जब दोपहर में घरों से बाहर निकले तो उन्हें चेहरे पर नकाब बांधकर या फिर गर्मी से बचाव के उपाय करते देखा गया। वहीं कुछ लोग शीतल पेय पदार्थों की दुकानों पर अपना कंठ तर करते रहे। शहर में कई स्थानों पर लोग घरों से बाहर निकलने पर पेड़ों की छांव तलाशते नजर आए। गर्मी से लोगों के हलक सूख रहे थे। ऐसे में कोई दुकानों से चिल्ड वॉटर की डिमांड कर रहा था तो कोई मटके के पानी की मांग कर रहा था।
जानकारों की मानें तो मई और जून में तेज गर्मी रहती है। इस दौरान लू की लपटें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए इन दिनों में भरपूर पानी पीना चाहिए और दोपहर के समय तीखी धूप से बचने का प्रयास करना चाहिए।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |