जावद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बनाने के दावे मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के द्वारा किए जा रहे हैं। क्षेत्र में एक तरफ जा डिजिटल पढ़ाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए सीएम राईस स्कूलों की घोषणा कर शिक्षा विभाग के भवनों को लेकर विकास के बडे दावे कर रही हैं।लेकिन जावद विधानसभा ग्राम पंचायत बधावा के अधिकांश गांवो में शासकीय प्राथमिक स्कूलों के भवनों की जर्जर स्थिति सरकार के दावे की पूरी तरह से पोल खोल रही हैं।पंचायत क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों की हालत यह है।कि कही छत से पानी टपक
रहा है। तो कही सीमेंट का प्लास्टर, कही फर्श और दिवारो की हालत खराब है। कही छत गिर चुकी है।तो कही गिरने को बैतताब है। स्कूल मे शौचालय में निकासी की जगह नही है। ग्रामीण अपने बच्चो को टूटे खण्डहरो मे बच्चोंके भविष्य को संवारने की आस मे मौत के मुंह मे पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं। एसे मे जानलेवा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। ऐसा भी नहीं है कि जिला स्कूल प्रशासन एवं राजनेताओं को कोई जानकारी नहीं है।विद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों एवं ग्रामीणों के अनुसार 22 जुलाई 2022 व 24नवम्बर 2022 व 17 जून 2023 के अलावा भी बीआरसी कार्यालय जावद व डीपीसी कार्यालय नीमचको कई बार लिखित एवं मौखिक
अवगत कराने के बावजूद भी जिम्मेदारों ने अभी तक मामले की सुध नहीं ली है। जिसके कारण शिक्षकों द्वारा कभी बच्चो को मंदिर प्रांगण, तो कभी गुरुद्वारा प्रांगण तो कभी खुले में ही पढाने पर मजबूर हो रहे हैं। नीमच जिले के जावद तहसील के अंतर्गत बधावा पंचायत के ग्राम लक्ष्मीपुरा पाड़लिय बधावा, बिरमपूरा,देवपूरिया आदि ग्रामो में शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति मे हैं।यहां के शासकीय प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है।और दीवारों में दरारें पड़ गई है। जिसके चलते स्कूल भवन की बिल्डिंग अपना अस्तित्व खो बैठी है। व्यवस्था नहीं होने के कारण गांव के ही मंदिर, गुरुद्वारा एवं खुले प्रांगण में पढ़ाया जा रहा था। पर अब मंदिरों एवं गुरुद्वारे में भी पढ़ानें से मना कर दिया गया है।जिसके कारण स्कूलों मे पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के अभाव से वंचित नजर आ रहे हैं।लेकिन फिर भी जिम्मेदारों ने अभी तक सुध नहीं ली। नया भवन बनाने को लेकर स्कूल के शिक्षकों ने संबंधित अधिकारियों को भी कई बार अवगत कराया। बीआरसी कार्यालय जावद के पूर्व अधिकारी एस. एन.बैरागी,एस.एस.चंदेल एवं वर्तमान अधिकारी आर.बी. सिंह शक्तावत सभी को जनशिक्षकों के माध्यम से अवगत कराने व शिक्षा विभाग के इंजीनियर एस. एन.शर्मा द्वारा विभागीय सर्वे के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने तक
ही सीमित रह गया। किसी ने नए भवन बनाने को लेकर कोई सुध नही ली।कल से अगर कोई बड़ा हादसा होता है। तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे..? वही इस मामले में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओ व ग्रामीणों सुमैरसिंह राजपूत,पूर्व सरपंच चुन्नीलाल भील, जसवंत गुर्जर, सत्यनारायण बंजारा, मुकेश बैरागी, धर्मराज गुर्जर, लाखन
सिंह राजपूत, मुकेश बंजारा आदि का कहना है। कि स्कूल भवन सालो पहले जर्जर हो चुके है। इसलिए
खुले मे बच्चो को पढ़ाया जा रहा है। संबंधित अधिकारियो और राजनेताओं को भी कई बार भवन
की समस्या से लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत करा चुके है। लेकिन अभी तक निरीक्षण एवं शिघ्र
स्वीकृत कर बनाने का आश्वासन ही दिया जा रहा है।
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