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रामपुरा तहसील मुख्यालय पर वर्षा काल समाप्त होने के बाद चंबल नदी के बेक वाटर एरीया में मत्स्याखेट कर अपना रोजगार करने वाले भोई समाज द्वारा आज विधि विधान से गंगा मां का पूजन कर मत्स्याखेट कार्य का श्री गणेश किया गया गौरतलब हो कि वर्षा कल के दौरान 15 जून से लेकर 15 अगस्त तक शासन द्वारा मत्स्याखेट पर प्रतिबंध रहता है इस वर्ष मत्स्य महासंघ द्वारा 18 अगस्त से मत्स्याखेट कार्य प्रारंभ किये जाने की घोषणा के बाद आज 13 अगस्त को शुभ मुहूर्त में मछुआरा समाज के सभी प्रमुख समाज प्रमुख मत्स्याखेट में लगी सभी समितियों के मैनेजर एवं अध्यक्ष सहित मत्स्य महासंघ के अधिकारी श्री दिनेश ठाकरे नेब्रोस प्राइवेट लिमिटेड के राकेश सींग हिमांशु दुबे एवं कर्मचारी मौजूद रहे सर्वप्रथम मछुआरों ने पतित पावनी मां चंबल को नमन कर पुष्प हार से चंबल माता का पूजन किया उसके बाद अपने नावों को नदी में उतारा गया एवं उपस्थित समाज जनों में प्रसाद वितरण किया गया उसके बाद सामूहिक रूप से उपस्थित होकर मा चंबल की आरती उतारकर मां चंबल से सभी की कुशलता के लिए कामना की गई मछुआरा समाज के जनप्रतिनिधि श्री भगवान पेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि सनातन धर्म में नदियों एवं पर्वतों को पूजनीय बताया गया है जैसे बच्चा मां के गर्भ में 9 माह रहता है उसी प्रकार सभी मछुआरे मां चंबल के गर्भ में 9 महीने रह कर अपने परिवार का लालन पोषण करते हैं पतित पावनी मां चंबल सभी मछुआरों का अपने बच्चों की तरह ख्याल रखती है इसीलिए आज परंपरागत अनुसार पतित पावनी मां चंबल का गंगा पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया गया |
रामपुरा तहसील मुख्यालय पर वर्षा काल समाप्त होने के बाद चंबल नदी के बेक वाटर एरीया में मत्स्याखेट कर अपना रोजगार करने वाले भोई समाज द्वारा आज विधि विधान से गंगा मां का पूजन कर मत्स्याखेट कार्य का श्री गणेश किया गया गौरतलब हो कि वर्षा कल के दौरान 15 जून से लेकर 15 अगस्त तक शासन द्वारा मत्स्याखेट पर प्रतिबंध रहता है इस वर्ष मत्स्य महासंघ द्वारा 18 अगस्त से मत्स्याखेट कार्य प्रारंभ किये जाने की घोषणा के बाद आज 13 अगस्त को शुभ मुहूर्त में मछुआरा समाज के सभी प्रमुख समाज प्रमुख मत्स्याखेट में लगी सभी समितियों के मैनेजर एवं अध्यक्ष सहित मत्स्य महासंघ के अधिकारी श्री दिनेश ठाकरे नेब्रोस प्राइवेट लिमिटेड के राकेश सींग हिमांशु दुबे एवं कर्मचारी मौजूद रहे सर्वप्रथम मछुआरों ने पतित पावनी मां चंबल को नमन कर पुष्प हार से चंबल माता का पूजन किया उसके बाद अपने नावों को नदी में उतारा गया एवं उपस्थित समाज जनों में प्रसाद वितरण किया गया उसके बाद सामूहिक रूप से उपस्थित होकर मा चंबल की आरती उतारकर मां चंबल से सभी की कुशलता के लिए कामना की गई मछुआरा समाज के जनप्रतिनिधि श्री भगवान पेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि सनातन धर्म में नदियों एवं पर्वतों को पूजनीय बताया गया है जैसे बच्चा मां के गर्भ में 9 माह रहता है उसी प्रकार सभी मछुआरे मां चंबल के गर्भ में 9 महीने रह कर अपने परिवार का लालन पोषण करते हैं पतित पावनी मां चंबल सभी मछुआरों का अपने बच्चों की तरह ख्याल रखती है इसीलिए आज परंपरागत अनुसार पतित पावनी मां चंबल का गंगा पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया गया
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |