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भोपाल। प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना होंगे। वह 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने 24 नवंबर को विदेश यात्रा पर जाने के पहले उनके नाम को हरी झंडी दे दी।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने शनिवार देर रात इसके आदेश जारी किए। मकवाना का कार्यकाल एक दिसंबर से प्रारंभ होकर दो वर्ष तक रहेगा। वह प्रदेश के 32 वे डीजीपी होंगे, जो सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे। सक्सेना 30 नवंबर को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। मकवाना मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। डीजीपी के लिए मकवाना और अजय शर्मा के नाम सबसे अधिक चर्चा में थे बता दें कि डीजीपी के चयन के लिए तीन नामों का पैनल बनाने के संबंध में 21 नवंबर को संघ लोक सेवा आयोग मुख्यालय दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ( ईओडब्ल्यू) के महानिदेशक अजय शर्मा का नाम था। डीजीपी के लिए मकवाना और अजय शर्मा के नाम सबसे अधिक चर्चा में थे। मकवाना की छवि बेहद ईमानदार अधिकारी की है। वर्ष 2021 में उन्हें विशेष पुलिस की स्थापना लोकायुक्त में डीजी बनाया गया था। उन्होंने कई पुराने मामलों की फाइल खोली। कई आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। वह कई बड़ी जांचें शुरू करने की तैयारी में थे। पर छह माह में ही दिसंबर 2022 में उन्हें हटाकर पुलिस हाउसिंग का अध्यक्ष बना दिया क्या। उनकी जगह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी योगेश चौधरी को लोकायुक्त संगठन में एडीजी बनाया गया था। उन्हें हटाने के पीछे यह भी बात चर्चा में आई थी कि मकवाना की तत्कालीन लोकायुक्त एनके गुप्ता से पटरी नहीं बैठ रही थी। लोकायुक्त में रहते हुए बिगड़ गई थी सीआर लोकयुक्त में रहते हुए कैलाश मकवाना की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) भी अच्छी नहीं बनी थी। जिसकी उन्होंने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के पास अपील की थी। अपील पर उनकी सीआर सुधारी गई थी। चर्चा में आया था कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उन्हें 10 में 10 अंक दिए थे। उज्जैन के रहने वाले मकवाना मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले हैं। वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई और एमटेक हैं। उन्होंने 30 अगस्त 1988 को सेवा की शुरुआत की थी। दिसंबर 2025 में सेवानिवृत होने वाले थे। मकवाना लोकायुक्त पुलिस में एसपी भी रहे हैं। इसके पहले वह दंतेवाड़ा,बस्तर, मंदसौर और बैतूल में एसपी रहे हैं। ऐसा भी समय आया जब उनका स्थानांतरण बहुत जल्दी-जल्दी हुआ।
DGP पिता के रिटायरमेंट पर बेटी देगी सलामी इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब डीजीपी पिता को रिटायर होने पर उनकी विदाई सलामी की जिम्मेदारी उनकी डीसीपी बेटी को दी गई है। दरअसल 32 महीने के कार्यकाल के बाद मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर हो जाएंगे,30 नवंबर को उनका आखिरी कार्य दिवस होगा और उनकी विदाई परेड का आयोजन मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया गया है। डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना की विदाई परेड की जिम्मेदारी बेटी सोनाक्षी सक्सेना को दी गई, जो 2020 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं |
भोपाल। प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना होंगे। वह 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने 24 नवंबर को विदेश यात्रा पर जाने के पहले उनके नाम को हरी झंडी दे दी।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने शनिवार देर रात इसके आदेश जारी किए। मकवाना का कार्यकाल एक दिसंबर से प्रारंभ होकर दो वर्ष तक रहेगा। वह प्रदेश के 32 वे डीजीपी होंगे, जो सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे। सक्सेना 30 नवंबर को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। मकवाना मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं।
डीजीपी के लिए मकवाना और अजय शर्मा के नाम सबसे अधिक चर्चा में थे
बता दें कि डीजीपी के चयन के लिए तीन नामों का पैनल बनाने के संबंध में 21 नवंबर को संघ लोक सेवा आयोग मुख्यालय दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ( ईओडब्ल्यू) के महानिदेशक अजय शर्मा का नाम था। डीजीपी के लिए मकवाना और अजय शर्मा के नाम सबसे अधिक चर्चा में थे।
मकवाना की छवि बेहद ईमानदार अधिकारी की है। वर्ष 2021 में उन्हें विशेष पुलिस की स्थापना लोकायुक्त में डीजी बनाया गया था। उन्होंने कई पुराने मामलों की फाइल खोली। कई आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। वह कई बड़ी जांचें शुरू करने की तैयारी में थे। पर छह माह में ही दिसंबर 2022 में उन्हें हटाकर पुलिस हाउसिंग का अध्यक्ष बना दिया क्या। उनकी जगह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी योगेश चौधरी को लोकायुक्त संगठन में एडीजी बनाया गया था। उन्हें हटाने के पीछे यह भी बात चर्चा में आई थी कि मकवाना की तत्कालीन लोकायुक्त एनके गुप्ता से पटरी नहीं बैठ रही थी।
लोकायुक्त में रहते हुए बिगड़ गई थी सीआर
लोकयुक्त में रहते हुए कैलाश मकवाना की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) भी अच्छी नहीं बनी थी। जिसकी उन्होंने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के पास अपील की थी। अपील पर उनकी सीआर सुधारी गई थी। चर्चा में आया था कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उन्हें 10 में 10 अंक दिए थे।
उज्जैन के रहने वाले
मकवाना मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले हैं। वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई और एमटेक हैं। उन्होंने 30 अगस्त 1988 को सेवा की शुरुआत की थी। दिसंबर 2025 में सेवानिवृत होने वाले थे। मकवाना लोकायुक्त पुलिस में एसपी भी रहे हैं। इसके पहले वह दंतेवाड़ा,बस्तर, मंदसौर और बैतूल में एसपी रहे हैं। ऐसा भी समय आया जब उनका स्थानांतरण बहुत जल्दी-जल्दी हुआ।
DGP पिता के रिटायरमेंट पर बेटी देगी सलामी
इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब डीजीपी पिता को रिटायर होने पर उनकी विदाई सलामी की जिम्मेदारी उनकी डीसीपी बेटी को दी गई है। दरअसल 32 महीने के कार्यकाल के बाद मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर हो जाएंगे,30 नवंबर को उनका आखिरी कार्य दिवस होगा और उनकी विदाई परेड का आयोजन मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया गया है। डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना की विदाई परेड की जिम्मेदारी बेटी सोनाक्षी सक्सेना को दी गई, जो 2020 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |