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भोपाल : प्रदेश में अब मकान बनाने भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम और नगर पालिका के चक्कर नहीं काटने होंगे. इससे जुड़े समस्त दस्तावेज जमा करने के 24 दिन के अंदर भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र अपने आप मिल जाएगा. राज्य सरकार ने भवन अनुज्ञा प्रमाण, कार्यपूर्णता प्रमाण सहित 5 सेवाओं को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के दायरे में ला दिया है. समय सेवा में प्रमाण पत्र न मिलने पर आवेदक इसकी अपील कर सकेंगे. इसके बाद संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी. घर बनाने का ऑनलाइन आवेदन करें और भूल जाएंमकान बनाने के लिए संबंधित नगर पालिका निगम और नगर पालिका से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य होता है, लेकिन इसके लिए कई कई बार स्थानीय निकाय कार्यालय के चक्कर काटने होते हैं. संबंधित अधिकारी कर्मचारी जबरन इसे जारी करने में कागजी पेंच फंसाते हैं, लेकिन अब भवन अनुज्ञा के लिए आवेदन के बाद इसे जारी करने की 24 दिन की समय-सीमा तय कर दी गई है. समय सीमा में इसे जारी न किए जाने पर 24 दिन बाद जिला कलेक्टर को इसकी अपील की जा सकेगी. कलेक्टर कार्यालय से भी निराकरण न होने पर नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के आयुक्त को इसकी शिकायत की जा सकेगी. इसके अलावा भवन अनुज्ञा का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लाया गया है. इसे जारी करने के 7 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है. 7 दिन में कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र न मिलने पर कलेक्टर और 15 दिन बाद आयुक्त नगरीय प्रशासन को अपील की जा सकेगी. निर्माण संबंधी जांच और जर्जर भवन गिराने के लिए भी 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है.
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भोपाल : प्रदेश में अब मकान बनाने भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम और नगर पालिका के चक्कर नहीं काटने होंगे. इससे जुड़े समस्त दस्तावेज जमा करने के 24 दिन के अंदर भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र अपने आप मिल जाएगा. राज्य सरकार ने भवन अनुज्ञा प्रमाण, कार्यपूर्णता प्रमाण सहित 5 सेवाओं को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के दायरे में ला दिया है. समय सेवा में प्रमाण पत्र न मिलने पर आवेदक इसकी अपील कर सकेंगे. इसके बाद संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी.
मकान बनाने के लिए संबंधित नगर पालिका निगम और नगर पालिका से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य होता है, लेकिन इसके लिए कई कई बार स्थानीय निकाय कार्यालय के चक्कर काटने होते हैं. संबंधित अधिकारी कर्मचारी जबरन इसे जारी करने में कागजी पेंच फंसाते हैं, लेकिन अब भवन अनुज्ञा के लिए आवेदन के बाद इसे जारी करने की 24 दिन की समय-सीमा तय कर दी गई है. समय सीमा में इसे जारी न किए जाने पर 24 दिन बाद जिला कलेक्टर को इसकी अपील की जा सकेगी. कलेक्टर कार्यालय से भी निराकरण न होने पर नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के आयुक्त को इसकी शिकायत की जा सकेगी.
इसके अलावा भवन अनुज्ञा का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लाया गया है. इसे जारी करने के 7 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है. 7 दिन में कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र न मिलने पर कलेक्टर और 15 दिन बाद आयुक्त नगरीय प्रशासन को अपील की जा सकेगी. निर्माण संबंधी जांच और जर्जर भवन गिराने के लिए भी 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है.
महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत मिलने वाली छात्रवृत्ति यदि नहीं मिल पा रही है तो इसकी शिकायत संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला व बाल विकास विभाग को की जा सकेगी. अधिकारी को उक्त शिकायत का निराकरण 45 दिन के अंदर करना होगा. निराकरण न होने पर इसकी शिकायत कलेक्टर को की जा सकेगी.
प्रदेश में लोक सेवा गारंटी के तहत जोड़ी गई सेवाओं में अभी तक प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा आवेदकों का निराकरण किया जा चुका है. इस अधिनियम के तहत 748 सेवाओं को जोड़ा जा चुका है. इनमें से 342 सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हैं, यानी ऑनलाइन आवेदन करने पर चाहे गए दस्तावेज मिल जाते हैं.
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |