सिंगोली से ख्वाजा हुसैन मेवाती की रिपोर्ट
असत्य पर सत्य बुराई पर अच्छाई आनाचार, कदाचार, दुराचार, पर सदाचार की विजय का प्रतीक का ग्राम झांतला में इस बार दशहरे पर रावण दहन नहीं किए जाने से झांतला सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों में मायूसी देखी जा रही है।
रावण दहन को लेकर ना,ही इस बार ग्राम पंचायत वह ना,ही दशहरा उत्सव समिति द्वारा कोई उत्साह,व दिलचस्पी नहीं दिखाई जिस कारण इस बार झांतला में रावण दहन नहीं किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र के हजारों लोग मायूस नजर आ रहे हैं। ग्राम में रावण दहन की परंपरा आज आज से 25 ,30साल पहले पूर्व सरपंच श्री ओंकार लाल पटेल के कार्यकाल में शुरू की गई। जिसमें ग्राम पंचायत सहित ग्राम वासियों व आसपास के लोगों व भामाशाहों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया वह चंदा दिया। जिस कारण झांतला का रावण दहन व रामलीला की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल चुकी थी वह हजारों की तादाद में लोग झांतला की रामलीला और रावण दहन देखने आते थे। ऐसे धार्मिक आयोजनों से आने वाली पीढ़ी में अच्छे संस्कार धर्म के प्रति लगाव देखने को मिलता था।
जो रामलीला में रावण दहन की,परंपरा झांतला में चलाई थी वह अनवरत चलती रहना चाहिए थी। ऐसा लोगों का मन व सोच है। ग्राम वासी ऐसे आयोजनों में आज भी अपना पूर्ण सहयोग तन मन धन लगाने को तैयार हैं।
सिंगोली तहसील की सबसे बड़ी पंचायत होने पर ऐसे धार्मिक व रावण दहन का आयोजन होना चाहिए। ताकि क्षेत्र वासियों को रावण दहन देखने के लिए दूर दराज न जाना पड़े। क्षेत्र वासियों व ग्राम वासियों, का मानना है,। की श्री भेरुनाथ जी का नवरात्रि में 10 दिवसीय मेला व,दशहरा महोत्सव मनाया जाए। जिसमें रामलीला वह अन्य,धार्मिक
सांस्कृतिक,
साहित्यिक आयोजन आयोजित किए जाएं। जिससे धर्म संस्कृति व इतिहास के बारे में आने वाली पीढ़ी को जोड़ा जा सके। आने वाले साल में जो टूट चुकी परंपरा निरंतर जारी रहे ऐसी पहल हम सबको मिलकर करना चाहिए।
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