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नीमच, निप्र। गर्मी का सीजन शुरू होते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आम दिनों के मुकाबले जिला अस्पताल की ओपीडी की संख्या भी बढ़ गई। इनमें से करीब 10 प्रतिशत मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें कुछ मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। उल्टी-दस्त की चपेट में आने वालों में ज्यादातर बच्चे है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते करीब पांच दिन से तापमान बढ़ने के साथ ही गर्म हवाएं चल रही है। इसका सीधा असर धूप में काम करने वाले लोगों पर पड़ रहा है। शरीर में पानी की कमी से बीमारियां बढ़ रही है। बीते दो दिनों से तापमान बढ़ने के साथ ही आसमान पर बादल छा रहे हैं। जिनके कारण शाम के समय उमस बढ़ रही है। गर्मी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उल्टी-दस्त से पीड़ित होने वालों में ज्यादा संख्या ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्गों और बच्चों की है। डाक्टर इलाज कराने के साथ-साथ अस्पताल आने वाले मरीजों को गर्मी के मौसम में खानपान संतुलित रखने और ताजा खाना खाने की सलाह दे रहे हैं।
उधर, रात 8 बजे बाद आसमान पर छाए बादल बरस पड़े। धूल भरी हवाएं चली और बूंदाबांदी हुई। बारिश शुरू होने पर सड़कों पर चल रहे लोग ईधर उधर भागते दिखे। करीब दस मिनट की बारिश से सड़कों पर पानी बह निकला।
उल्टी-दस्त के सबसे ज्यादा पीड़ित
डॉक्टरों के अनुसार गर्मी के मौसम में कई जल स्रोत सूख जाते हैं, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में लोग हैंडपंप या बोर की जगह कुओं का पानी पीने मजबूर हो जाते हैं। दूषित पानी पीने से पेट दर्द और उल्टी-दस्त से लोग बीमार हो जाते हैं। अस्पताल में उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर आने वालों में अधिकांश मरीज ग्रामीण क्षेत्र के हैं।
यह रखें सावधानी
उल्टी-दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याओं से बचने के लिए धूप में ज्यादा समय तक काम न करें। हमेशा ताजा खाना खाने के साथ-साथ पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। इसके अलावा बाजार का खाना खाने से बचना चाहिए और बिना डाक्टर की सलाह से कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए। यह सावधानी बरतने से उल्टी-दस्त जैसी समस्या से बचा जा सकता है।