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जैन तीर्थ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ :- शंखेश्वर :- प्रसिद्ध जैन तीर्थ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ के समिपस्थ पानवा में आचार्य श्री लेखेन्द्रशेखर सूरीश्वरजी महाराज साहेब के पावन सानिध्य में देश ही नहीं अपितु विश्व का पहला जिनालय बना जहां एक साथ 1008 पार्श्वनाथ परमात्मा के मन्दिर एक ही दिन में प्रतिष्ठित हुए । उल्लेखनीय है कि त्रिस्तुत्रिक संघ के आचार्य भगवंत श्री लेखेन्द्रशेखर सूरीश्वरजी महाराज साहब की एक कल्पना थी कि 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ परमात्मा के 108 तीर्थ है, जबकि उनके अनेकों नाम है, आचार्यश्री ने इतिहास को खगोलकर 1008 नाम पार्श्वनाथ भगवान के ढूढ़े और लगभग 14 वर्ष में उनका सपना आज साकार हुआ, जब बहुत ही धूमधाम से 1444 प्रतिमाओं की एक साथ अंजन शलाका हुई, इस अवसर पर पांच-पांच आचार्य भगवंत की उपस्थिति में प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई । इस अवसर पर आचार्य श्री को गच्छाधिपति की उपाधि भी प्रदान की गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जावद के विधायक पूर्व केबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा रहे । |
जैन तीर्थ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ :-
शंखेश्वर :- प्रसिद्ध जैन तीर्थ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ के समिपस्थ पानवा में आचार्य श्री लेखेन्द्रशेखर सूरीश्वरजी महाराज साहेब के पावन सानिध्य में देश ही नहीं अपितु विश्व का पहला जिनालय बना जहां एक साथ 1008 पार्श्वनाथ परमात्मा के मन्दिर एक ही दिन में प्रतिष्ठित हुए ।
उल्लेखनीय है कि त्रिस्तुत्रिक संघ के आचार्य भगवंत श्री लेखेन्द्रशेखर सूरीश्वरजी महाराज साहब की एक कल्पना थी कि 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ परमात्मा के 108 तीर्थ है, जबकि उनके अनेकों नाम है, आचार्यश्री ने इतिहास को खगोलकर 1008 नाम पार्श्वनाथ भगवान के ढूढ़े और लगभग 14 वर्ष में उनका सपना आज साकार हुआ, जब बहुत ही धूमधाम से 1444 प्रतिमाओं की एक साथ अंजन शलाका हुई, इस अवसर पर पांच-पांच आचार्य भगवंत की उपस्थिति में प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई । इस अवसर पर आचार्य श्री को गच्छाधिपति की उपाधि भी प्रदान की गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जावद के विधायक पूर्व केबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा रहे ।