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नीमच, लोग भले ही चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वालों को ईश्वर के दूत मानते हों,लेकिन जिला अस्पताल को लेकर उजागर होती खामियां अक्सर लोगों का भयभीत करने वाली होती है। सोमवार को यहां के नर्सिंग स्टाफ द्वारा एक नवजात बच्ची के शरीर में टीका लगाने के दौरान चुभाई गई सुई को नहीं निकलने की लापरवाही सामने आई है। जिस पर मासूम के परिजनों ने हंगामा किया। बाद में डॉक्टर ने स्टाफ की गलती को स्वीकार किया। पुलिस की समझाइश पर मामला शांत हुआ।
रोती रही मासूम, परेशान रहे परिजन उल्लेखनीय है कि एक नवजात को चार दिन पूर्व टीका लगाया गया था। टीका लगाने के बाद स्टाफ ने लापरवाही पूर्वक सुई को मासूम के शरीर में चुभा हुआ ही छोड़ दिया। इस कारण मासूम बच्ची करीब 3 दिन तक दर्द से तड़पती रही। टीका लगाने के बाद लगातार बच्ची के रोते रहने से परिजन परेशान हो गए। उन्हे समझ नहीं आ रहा था कि बच्ची क्यों रो रही है। बताया जाता है कि बच्ची को गोद में उठाने के दौरान जब बच्ची के शरीर में लगी सुई उसकी मां को चुभी। तब माँ ने पैर के पिछले भाग में सुई को देखा। इसके बाद तुरंत सुई को निकाला और मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया, साथ ही लापरवाह स्टॉफ पर कार्रवाई करने की मांग की।
जिला अस्पताल में ही हुई थी डिलीवरी अस्पताल में लापरवाह स्टॉप पर कार्रवाई की मांग कर रहे मासूम के परिजन ने बताया कि फिरदौस बी पति वसीम शेख (22) वर्ष निवासी बड़ी मंडी, नया बाजार को नीमच डिलीवरी के लिए 2 मई को जिला चिकित्सालय लाए थे। जहां फिरदौस ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। उसी दिन सुबह 11 बजे बच्ची को टीका लगाया गया था। परिजनों का आरोप है कि टीका लगाने वालों ने लापरवाही पूर्वक सुई को बच्ची के शरीर मे ही छोड़ दिया। जिसके बाद से ही बच्ची लगातर रो रही थी। हंगामें की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा मामला शांत किया।
जिम्मेदारों का कहना जिला अस्पताल की डॉक्टर संगीता भारती पहुंची और परिजनों को समझाइश दी। साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि सुई बच्ची के पैर में लगी हुई रह गई थी। हालांकि उन्होने कहा कि दो जगह सुई लगने के निशान है। यह सुई बच्ची के शरीर में कहां से आई हैं। यह जांच का विषय है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नीमच, लोग भले ही चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वालों को ईश्वर के दूत मानते हों,लेकिन जिला अस्पताल को लेकर उजागर होती खामियां अक्सर लोगों का भयभीत करने वाली होती है। सोमवार को यहां के नर्सिंग स्टाफ द्वारा एक नवजात बच्ची के शरीर में टीका लगाने के दौरान चुभाई गई सुई को नहीं निकलने की लापरवाही सामने आई है। जिस पर मासूम के परिजनों ने हंगामा किया। बाद में डॉक्टर ने स्टाफ की गलती को स्वीकार किया। पुलिस की समझाइश पर मामला शांत हुआ।
रोती रही मासूम, परेशान रहे परिजन
उल्लेखनीय है कि एक नवजात को चार दिन पूर्व टीका लगाया गया था। टीका लगाने के बाद स्टाफ ने लापरवाही पूर्वक सुई को मासूम के शरीर में चुभा हुआ ही छोड़ दिया। इस कारण मासूम बच्ची करीब 3 दिन तक दर्द से तड़पती रही। टीका लगाने के बाद लगातार बच्ची के रोते रहने से परिजन परेशान हो गए। उन्हे समझ नहीं आ रहा था कि बच्ची क्यों रो रही है। बताया जाता है कि बच्ची को गोद में उठाने के दौरान जब बच्ची के शरीर में लगी सुई उसकी मां को चुभी। तब माँ ने पैर के पिछले भाग में सुई को देखा। इसके बाद तुरंत सुई को निकाला और मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया, साथ ही लापरवाह स्टॉफ पर कार्रवाई करने की मांग की।
जिला अस्पताल में ही हुई थी डिलीवरी
अस्पताल में लापरवाह स्टॉप पर कार्रवाई की मांग कर रहे मासूम के परिजन ने बताया कि फिरदौस बी पति वसीम शेख (22) वर्ष निवासी बड़ी मंडी, नया बाजार को नीमच डिलीवरी के लिए 2 मई को जिला चिकित्सालय लाए थे। जहां फिरदौस ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। उसी दिन सुबह 11 बजे बच्ची को टीका लगाया गया था। परिजनों का आरोप है कि टीका लगाने वालों ने लापरवाही पूर्वक सुई को बच्ची के शरीर मे ही छोड़ दिया। जिसके बाद से ही बच्ची लगातर रो रही थी। हंगामें की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा मामला शांत किया।
जिम्मेदारों का कहना
जिला अस्पताल की डॉक्टर संगीता भारती पहुंची और परिजनों को समझाइश दी। साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि सुई बच्ची के पैर में लगी हुई रह गई थी। हालांकि उन्होने कहा कि दो जगह सुई लगने के निशान है। यह सुई बच्ची के शरीर में कहां से आई हैं। यह जांच का विषय है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।