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नीमच(वि.)। दिनांक 01 मई 2024 को दैनिक दशपुर एक्सप्रेस समाचार पत्र के पृष्ठ क्रमां 04 पर ‘जमीन विवाद में परेशान कर रही बघाना पुलिस‘ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया गया है। जो मिथ्या/मनगढ़ंत एवं झूठे आधारों पर प्रकाशित किया गया है। जिसका भूमि स्वामी एवं मालिक पुष्पेंद्र सिंह परमार द्वारा खंडन निम्नानुसार प्रस्तुत है:- यह कि ग्राम धनेरिया कलां में मेरी व मेरे बड़े भाई महासिंह परमार के संयुक्त स्वामित्व की कृषि भूमि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) है। उक्त कृषि भूमि दोनों भाईयों ने वर्ष 2003 में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से क्रय कर आधिपत्य किया गया था। जिसका नामांतरण होने के साथ ही वर्ष 2003 से ही हम दोनों भाई का स्वामित्व एवं आधिपत्य चला आ रहा है। वर्ष 2018 में उक्त भूमि का सीमांकन कर पत्थरगढ़ी भी राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में किया जा चुका है। यह कि उक्त भूमि जब हम दोनों भाई द्वारा क्रय की गई थी। प्रकरण क्रमांक 11/ज-6/03-04 के अंतर्गत मूल चंद्र पिता जगन्नाथ, किशोर पिता जगन्नाथ, पूनमचंद पिता जगन्नाथ, फतेह लाल पिता जगन्नाथ, रामकली बाई पति जगन्नाथ द्वारा न्यायालय तहसीलदार महोदय नीमच के समक्ष नामांतरण के लिए राजीनामा प्रस्तुत किया गया था। जिससे स्पष्ट है कि वर्ष 2003-04 से ही पुष्पेंद्र सिंह एवं महासिंह का उक्त वर्णित भूमि पर वैध आधिपत्य एवं कब्जा है। यह कि दिनांक 03 अप्रैल 2024 की दोपहर करीब 3-4 बजे पुष्पेंद्र सिंह अपने खेत पर गया। जहां चार-पांच महिलाओं व 4-5 पुरुषों ने गाली गलौज किया व जान से मारने की धमकी देते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाना बघाना एवं पुलिस अधीक्षक नीमच में की गई। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस मौके पर गई और आरोपियों को ताकीद किया गया कि कृषि भूमि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) के पुष्पेंद्र सिंह व महासिंह वास्तविक मालिक हैं और कब्जेदार हैं, जिनसे कोई विवाद नहीं करें, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिस पर उक्त आरोपियों ने मौखिक रूप से माफी मांग और भविष्य में कोई विवाद नहीं करने की शपथ व्यक्त की। इसके बाद मौके से पुलिस चली गई। यह कि दुर्गाबाई अहीर, अनिता अहीर, उषा अहीर एवं रुकमणीबाई अहीर द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय नीमच के नाम आवेदन देने का हवाला देकर 01 मई 2024 को दैनिक दशपुर एक्सप्रेस में ‘जमीन विवाद में परेशान कर रही बघाना पुलिस‘ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया गया जो मनगढ़ंत एवं झूठे आधारों पर आधारित है, क्योंकि इसके पूर्व ही शिकायतकर्ता खुद मौखिक रूप से माफी मांग चुकी हैं। यही नहीं उक्त वर्णित भूमि पर हम दोनों भाई का आधिपत्य होना उनके वरिष्ठ परिजन राजस्व न्यायालय तहसीलदार नीमच के समक्ष वर्ष 2003-04 में ही लिखित रूप से स्वीकार कर चुके हैं। इस कारण यह तथ्य स्वत: साबित है कि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) की भूमि पर केवल और केवल पुष्पेंद्र सिंह और महा सिंह का कब्जा एवं आधिपत्य है। उक्त वर्णित भूमि पर दुर्गाबाई अहीर, अनिता अहीर, उषा अहीर एवं रुकमणीबाई अहीर अथवा उनके परिजनों का कोई कब्जा या वैध हक नहीं है। यह लोग पुलिस की जांच को प्रभावित करने के लिए झूठी एवं मनगढ़त कहानियां बना कर पुष्पेंद्र सिंह एवं महासिंह की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने व पुलिस जांच को प्रभावित करने की कुचेष्ठा कर रहे हैं। यदि इसके बाद भी इनके द्वारा षड़यंत्र करने एवं बदनाम करने का प्रयास किया गया तो दोनों भाई इनके खिलाफ सक्षम न्यायालय में मानहानि एवं क्षति पहुंचाने का वाद दायर करेंगे, जिसके लिए वाद-विवाद करने वाले उक्त लोग एवं उनके परिजन जिम्मेदार होंगे। जो सनद रहे एवं वक्त जरूरत काम आवे।
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नीमच(वि.)। दिनांक 01 मई 2024 को दैनिक दशपुर एक्सप्रेस समाचार पत्र के पृष्ठ क्रमां 04 पर ‘जमीन विवाद में परेशान कर रही बघाना पुलिस‘ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया गया है। जो मिथ्या/मनगढ़ंत एवं झूठे आधारों पर प्रकाशित किया गया है। जिसका भूमि स्वामी एवं मालिक पुष्पेंद्र सिंह परमार द्वारा खंडन निम्नानुसार प्रस्तुत है:-
यह कि ग्राम धनेरिया कलां में मेरी व मेरे बड़े भाई महासिंह परमार के संयुक्त स्वामित्व की कृषि भूमि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) है। उक्त कृषि भूमि दोनों भाईयों ने वर्ष 2003 में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से क्रय कर आधिपत्य किया गया था। जिसका नामांतरण होने के साथ ही वर्ष 2003 से ही हम दोनों भाई का स्वामित्व एवं आधिपत्य चला आ रहा है। वर्ष 2018 में उक्त भूमि का सीमांकन कर पत्थरगढ़ी भी राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में किया जा चुका है।
यह कि उक्त भूमि जब हम दोनों भाई द्वारा क्रय की गई थी। प्रकरण क्रमांक 11/ज-6/03-04 के अंतर्गत मूल चंद्र पिता जगन्नाथ, किशोर पिता जगन्नाथ, पूनमचंद पिता जगन्नाथ, फतेह लाल पिता जगन्नाथ, रामकली बाई पति जगन्नाथ द्वारा न्यायालय तहसीलदार महोदय नीमच के समक्ष नामांतरण के लिए राजीनामा प्रस्तुत किया गया था। जिससे स्पष्ट है कि वर्ष 2003-04 से ही पुष्पेंद्र सिंह एवं महासिंह का उक्त वर्णित भूमि पर वैध आधिपत्य एवं कब्जा है।
यह कि दिनांक 03 अप्रैल 2024 की दोपहर करीब 3-4 बजे पुष्पेंद्र सिंह अपने खेत पर गया। जहां चार-पांच महिलाओं व 4-5 पुरुषों ने गाली गलौज किया व जान से मारने की धमकी देते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाना बघाना एवं पुलिस अधीक्षक नीमच में की गई। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस मौके पर गई और आरोपियों को ताकीद किया गया कि कृषि भूमि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) के पुष्पेंद्र सिंह व महासिंह वास्तविक मालिक हैं और कब्जेदार हैं, जिनसे कोई विवाद नहीं करें, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिस पर उक्त आरोपियों ने मौखिक रूप से माफी मांग और भविष्य में कोई विवाद नहीं करने की शपथ व्यक्त की। इसके बाद मौके से पुलिस चली गई।
यह कि दुर्गाबाई अहीर, अनिता अहीर, उषा अहीर एवं रुकमणीबाई अहीर द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय नीमच के नाम आवेदन देने का हवाला देकर 01 मई 2024 को दैनिक दशपुर एक्सप्रेस में ‘जमीन विवाद में परेशान कर रही बघाना पुलिस‘ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया गया जो मनगढ़ंत एवं झूठे आधारों पर आधारित है, क्योंकि इसके पूर्व ही शिकायतकर्ता खुद मौखिक रूप से माफी मांग चुकी हैं। यही नहीं उक्त वर्णित भूमि पर हम दोनों भाई का आधिपत्य होना उनके वरिष्ठ परिजन राजस्व न्यायालय तहसीलदार नीमच के समक्ष वर्ष 2003-04 में ही लिखित रूप से स्वीकार कर चुके हैं। इस कारण यह तथ्य स्वत: साबित है कि सर्वे नंबर 997 रकबा 0.3800 हेक्टेयर ( पुराना सर्वे नंबर 839 पेकी-840 पेकी) की भूमि पर केवल और केवल पुष्पेंद्र सिंह और महा सिंह का कब्जा एवं आधिपत्य है। उक्त वर्णित भूमि पर दुर्गाबाई अहीर, अनिता अहीर, उषा अहीर एवं रुकमणीबाई अहीर अथवा उनके परिजनों का कोई कब्जा या वैध हक नहीं है। यह लोग पुलिस की जांच को प्रभावित करने के लिए झूठी एवं मनगढ़त कहानियां बना कर पुष्पेंद्र सिंह एवं महासिंह की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने व पुलिस जांच को प्रभावित करने की कुचेष्ठा कर रहे हैं। यदि इसके बाद भी इनके द्वारा षड़यंत्र करने एवं बदनाम करने का प्रयास किया गया तो दोनों भाई इनके खिलाफ सक्षम न्यायालय में मानहानि एवं क्षति पहुंचाने का वाद दायर करेंगे, जिसके लिए वाद-विवाद करने वाले उक्त लोग एवं उनके परिजन जिम्मेदार होंगे। जो सनद रहे एवं वक्त जरूरत काम आवे।