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नीमच। पिछले दिनो प्रदेश में जहरीली शराब का मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन के द्वारा मनासा सहित कई इलाको में जहरीली शराब बनाने वाले अड्डों पर दबिश देते हुए नस्ताबंद करने का काम किया गया था। लेकिन वर्तमान हालतो देखकर लग रहा हैं की जहरीली शराब से हुई मौतो को भूला चुका हैं और वर्तमान में जिले में जहरीली शराब का अवैध कारोबार एक फिर फलत फूलता दिखाई दे रहा हैं। वही जवाबदार आबकारी अधिकारी अपनी जबावदारी नही निभा पा रहे हैं। वही पिछले दिनों पुलिस के द्वारा कि गई कार्यवाही अब ठंडे बस्ते में चली गई जिसके चलते एक बार फिर से शराब माफियों ने अपने कच्छी जहरीली शराब के अड्डे शुरू कर दिए हैं। कही बन ना जाए मौत का कारण प्रदेश के अन्य जिलों में जहरीली शराब के चलते कई लोगों की मौत हो चुकी हैं नीमच जिलें में एक बार फिर कई स्थानों पर जहरीली शराब बनाने का कार्य चल रहा हैं। जिले के कई गांवों में बंजारा, कंजर व बांछड़ा समाज के लोग जंगलों में यूरिया, महुआ, गुड़ के घोल से लहान बनाकर जहरीली शराब तैयार करते हैं। इन समाज के बच्चे से बुजुर्ग तक शराब की थैलियां तैयार कर आसपास के गांवों में बेचने जाते हैं। जहां बड़ी मात्रा में हाथ भट्टी की कच्ची शराब बनाई जाती है। जिले के कई गांवों में दबिश देने से पुलिस व अबकारी विभाग दबिश देने में घबराती हैं। पुलिस टीम देखते ही अवैध शराब बनाने में जुटे लोग, परिवार व गांव वाले गिलोल की सहायता से पत्थरों से हमला कर देते हैं। इतना ही नहीं समीपवर्ती राजस्थान के सीमावर्ती गांवों से भी नकली शराब की जिले में तस्करी हो रही है। राजस्थान से भी पहुंचती जहरीली शराब जिले की सीमा से लगे राजस्थान के कारूंडा, अबावली, निम्बाहेड़ा सहित अन्य गांवों से जिले के तस्कर नकली शराब लाकर बेच रहे हैं। पड़ोसी राज्यों से महंगी शराब -मध्यप्रदेश से सटे राज्यों की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें करीब दो गुना है जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी भी खूब हो रही है। दिल्ली और राजस्थान की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें डेढ़ से दो गुना अधिक है। मध्यप्रदेश में शराब के रेट पड़ोसी राज्यों से अधिक होने का सबसे बड़ा कारण शराब पर अधिक टैक्स और सेस होना है। इनका कहना होती हैं कार्यवाही हमारे द्वारा सूचना मिलने के बाद कार्यवाही की गई हैं सूचना पर दबिश दी जाती हैं स्टाफ की कमी के चलते परेशानी होती हैं जिसके चलते हमारे द्वारा पुलिस की मदद लेकर कार्यवाही की जाती हैं आगें हमारे द्वारा सूचना पर कार्यवाही की जावेगी। आर एन व्यास जिला आवकारी अधिकारी नीमच |
नीमच। पिछले दिनो प्रदेश में जहरीली शराब का मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन के द्वारा मनासा सहित कई इलाको में जहरीली शराब बनाने वाले अड्डों पर दबिश देते हुए नस्ताबंद करने का काम किया गया था। लेकिन वर्तमान हालतो देखकर लग रहा हैं की जहरीली शराब से हुई मौतो को भूला चुका हैं और वर्तमान में जिले में जहरीली शराब का अवैध कारोबार एक फिर फलत फूलता दिखाई दे रहा हैं। वही जवाबदार आबकारी अधिकारी अपनी जबावदारी नही निभा पा रहे हैं। वही पिछले दिनों पुलिस के द्वारा कि गई कार्यवाही अब ठंडे बस्ते में चली गई जिसके चलते एक बार फिर से शराब माफियों ने अपने कच्छी जहरीली शराब के अड्डे शुरू कर दिए हैं।
कही बन ना जाए मौत का कारण
प्रदेश के अन्य जिलों में जहरीली शराब के चलते कई लोगों की मौत हो चुकी हैं नीमच जिलें में एक बार फिर कई स्थानों पर जहरीली शराब बनाने का कार्य चल रहा हैं। जिले के कई गांवों में बंजारा, कंजर व बांछड़ा समाज के लोग जंगलों में यूरिया, महुआ, गुड़ के घोल से लहान बनाकर जहरीली शराब तैयार करते हैं। इन समाज के बच्चे से बुजुर्ग तक शराब की थैलियां तैयार कर आसपास के गांवों में बेचने जाते हैं। जहां बड़ी मात्रा में हाथ भट्टी की कच्ची शराब बनाई जाती है। जिले के कई गांवों में दबिश देने से पुलिस व अबकारी विभाग दबिश देने में घबराती हैं। पुलिस टीम देखते ही अवैध शराब बनाने में जुटे लोग, परिवार व गांव वाले गिलोल की सहायता से पत्थरों से हमला कर देते हैं। इतना ही नहीं समीपवर्ती राजस्थान के सीमावर्ती गांवों से भी नकली शराब की जिले में तस्करी हो रही है।
जिले की तीनों तहसील के गांवों में अवैध कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है। आबकारी विभाग की टीम गांवों मुखबिर की सूचना मिलने पर नाकाबंदी कर आरोपी को शराब के साथ पकड़ती हैं मगर विभाग में स्टांफ की कमी के चलते अबकारी विभाग कार्यवाही नही कर पाता हैं। पिछले दिनो पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर दबिश देकर अवैध शराब के अड्डे नष्ट किये गए थें ।
राजस्थान से भी पहुंचती जहरीली शराब
जिले की सीमा से लगे राजस्थान के कारूंडा, अबावली, निम्बाहेड़ा सहित अन्य गांवों से जिले के तस्कर नकली शराब लाकर बेच रहे हैं।
पड़ोसी राज्यों से महंगी शराब
-मध्यप्रदेश से सटे राज्यों की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें करीब दो गुना है जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी भी खूब हो रही है। दिल्ली और राजस्थान की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें डेढ़ से दो गुना अधिक है। मध्यप्रदेश में शराब के रेट पड़ोसी राज्यों से अधिक होने का सबसे बड़ा कारण शराब पर अधिक टैक्स और सेस होना है।
इनका कहना
होती हैं कार्यवाही
हमारे द्वारा सूचना मिलने के बाद कार्यवाही की गई हैं सूचना पर दबिश दी जाती हैं स्टाफ की कमी के चलते परेशानी होती हैं जिसके चलते हमारे द्वारा पुलिस की मदद लेकर कार्यवाही की जाती हैं आगें हमारे द्वारा सूचना पर कार्यवाही की जावेगी। आर एन व्यास जिला आवकारी अधिकारी नीमच